बुधवार, 6 मई 2009

ये भी भले, वो भी भले.... बुरी बस जनता.....


3 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया सटीक व्यंग्य चित्र. हर जगह यही हो रहा है . नेता और कुर्सी का जोड़तोड़ चल रहा है .. भोगे तो बस जनता एक कटु सत्य है .

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